बिहार और खाश मिथिला से गहरा लगाव था अरुण जेटली का, मिथिला आपकी सदा ऋणी रहेगी जेटली साहब।
अगस्त बीजेपी के लिए और साथ ही राजनीतिक माहौल मे सम्मलित लोगों के लिए क्षति का महीना रहा है। चाहे वो 16 अगस्त 2018 को अटल जी का छोड़ कर जाना हो या इस साल 6 अगस्त को सुषमा जी का अलविदा होना। और अब अरुण जेटली जी जिंदगी के आपाधापी से मुक्त हो चल बसे। इस संसार में जो भी आया है उसका जाना तो तय है लेकिन कौन किस वक्त, किस मोड़ पर, किस परिस्थिति में जाता है यह तय कर पाना बिल्कुल नामुमकिन है।
वैसे तो देश के बहुत बड़े नेताओं ने बिहार के लिए प्यार और सम्मान व्यक्त किया है लेकिन जेटली साहब ने बिहार, खासकर दरभंगा के विकास में अत्यंत योगदान दिया है जिसके लिए मिथिला आपका सदा ऋणी रहेगा।
आपको बता दे कि सालों पहले की बात है जब जेटली के सामने दरभंगा एयरपोर्ट संबंधी फाइल और सामने अखबार में दरभंगा के सांसद का उनपर लगाये गये आरोपों की खबर। रक्षामंत्री के तौर पर जेटली को एयरबेस पर एनओसी देना था और वित्तमंत्री के तौर पर एयरपोर्ट के लिए राशि। दोनों पद जेटली के पास थे और दरभंगा के सांसद जो उनके ही दल से निलंबित थे, उनपर आरोप दर आरोप लगा रहे थे। बहुत मुश्किल लग रहा था आगे का रास्ता। लेकिन इन सब के बावजूद जेटली ने कहा था, ” आप जो चाहते हैं, वही होगा”, सवाल दरभंगा का है, एयरपोर्ट बनेगा ।” जेटली ने दरभंगा एयरबेस के लिए एनओसी और राशि दोनों देने का काम किया।
इसके अलावा आपको बता दे अरुण जेटली अपने कार्यकाल में दिल्ली में कई समारोह भाग लेते रहे थे, चाहे वो अटल मिथिला सामान्य समारोह हो या मिथिला से जुड़ी कोई भी तरह का आयोजन हो, हमेशा मिथिला उनकी आभारी रहेगी।

