बीजेपी के हार का कारण जाने, जानिए विपक्ष किस तरह मजा ले रही है इस जीत का

इतने वोटों से हुई महागठबंधन की जीत

जेएमएम – 30
बीजेपी – 25
कांग्रेस – 16
जेवीएम – 3
आजसू – 2
आरजेडी – 1
जदयू – 0
लोजपा – 0
अन्य – 4

जेएमएम – आरजेडी – कांग्रेस का महागठबनदन को मिले है सबसे जायदा वोट, और अगर इन तीनों के बीच देखा जाए तो जेएमएम को मिली है सबसे जायदा सीटें (30). अगर यह चुनाव भारतवर्ष के 2 सबसे बड़े पार्टियों (बीजेपी और कांग्रेस) के बीच का देखा जाए तो बीजेपी को साफ साफ जीत मिली है। अब सवाल है कि राज्यपाल कब पार्टियों को बुला कर सरकार बनने की शुरुवात करेंगे।

इन 4 कारणों से हारी है झारखंड में बीजेपी

1. स्थानीय स्तर पर पार्टी में असंतोष

पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रघुबर दास के समर्थन के बावजूद, राज्य इकाई में उनके नेतृत्व के खिलाफ असंतोष था।

2. पार्टी को उम्मीद थी कि बहुस्तरीय प्रतियोगिता से मदद मिलेगी जो नहीं हुआ

भाजपा ने अपने सहयोगियों, लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) और JDU की उपेक्षा की, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU) को धूल चटा दी।

3. राज्य और लोकसभा चुनावों में अलग-अलग वोटिंग पैटर्न

महाराष्ट्र और हरियाणा के बाद झारखंड का परिणाम एक बार फिर दिखा है कि मतदाता अब स्थानीय और राष्ट्रीय बातो के बीच अंतर कर रहे हैं। राज्य की 14 लोकसभा सीटों में से 12 सीटें जीतने के छह महीने बाद ही भाजपा झारखंड से हार गई है।

4. आर्थिक मंदी, गरीबी

झारखंड देश का दूसरा सबसे गरीब राज्य है और भारत के गरीब आदिवासियों का 46 प्रतिशत राष्ट्रीय औसत 28 प्रतिशत है। राज्य की अर्थव्यवस्था जमशेदपुर में इस्पात संयंत्रों, खानों और ऑटो उद्योग द्वारा संचालित है।

तेजस्वी यादव का बयान

तेजस्वी यादव हेमंत सोरेन के ट्वीट के जवाब मी कहते है कि, “शेष ना तब था ना अब है भाई। बहुत-बहुत बधाई। आपने झारखंड में प्रचार वास्ते ख़ूब घुमवाया, हमने झारखंड के कण-कण को समझकर ही कहा था कि इनका ग़ुरूर खंड-खंड होगा। ख़ुशी है झारखंडवासी आसमानी बनावटी मुद्दों को दरकिनार कर दैनिक जीवन को प्रभावित करने वाले ज़मीनी मुद्दों पर अड़िग रहे”।

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